बूँद-बूँद से है सागर की गहराई; इसकी हर बूँद है मुझ में समाई; कोई मांगे तो एक बूँद ना दे सकेंगे; क्योंकि हर बूँद में है आपकी याद समाई।
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बूँद-बूँद से है सागर की गहराई; इसकी हर बूँद है मुझ में समाई; कोई मांगे तो एक बूँद ना दे सकेंगे; क्योंकि हर बूँद में है आपकी याद समाई।
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