रख हौसला वो मंजर भी आयेगा; प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा! थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर; मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
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रख हौसला वो मंजर भी आयेगा; प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा! थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर; मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
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