माना कि बहुत ख़ास हूँ मैं कुछ लोगो के लिए
लेकिन चन्द लम्हों से ज्यादा कोई ना रोयेगा मेरे गुजर जाने के बाद
माना कि बहुत ख़ास हूँ मैं कुछ लोगो के लिए
लेकिन चन्द लम्हों से ज्यादा कोई ना रोयेगा मेरे गुजर जाने के बाद
नाराज़ क्यों होते हो यार चले जायेंगे तेरी महफ़िल से
जहाँ कोई जान के अनजान हो जाए वहाँ हम रुका करते भी नहीं!
नाम तो लिख दूँ उसका अपनी हर शायरी के साथ
मगर फिर ख्याल आता है मासूम सा है सनम मेरा कहीं बदनाम ना हों जाये…
अगर किसी दिन तुम्हे रोना आये तो कॉल जरूर कर लेना
हँसाने की गारंटी तो नही लेता पर तेरे साथ रोऊँगा जरूर
Er kasz
ིइतना तो दर्द मुझे जिन्दगी तूने दिया ही नहीं था
जितना बदनाम मैने तूझे वाह वाहीया बटोरने के लिए कर दिया
er kasz
अगर मेरी शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों
मैं दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ दर्द देने के लिए नही
Er kasz
अपनी आदतों के अनुसार चलने में, इतनी गलतियाँ नहीं होती हैं
जितनी दुनिया का लिहाज रखकर चलने में होती हैं
Er kasz
मेरी मुस्कराहटें इस कदर जो तुमको चुभ रही है
देख लेना एक दिन रो पड़ोगे मेरी खामोसी जब तुम्हारा इम्तहा लेगी
लोग पूछते है इतनी शायरी कैसे कर लेते हो
मै कहेता हु इतना आसान नहीं दिल तोड़ना पड़ता है शब्दो को जोडने के लिय
कोई दावत तो उसे दे आए जाकर जनाज़े में मेरे शरीक़ होने की
आखिरी सफर में ही सही हमसफ़र बनाने की आरज़ू तो पूरी हो
आज आईने के सामने खड़े होकर खुद से माफ़ी मांग ली मैंने ...
सबसे ज़्यादा खुद का ही दिल दुखाया है औरों को खुश करने में ...
हमे क्या पता था की मोहब्बत की राहों में गम ही गम मिलते हैं
ऐ सनम अगर हमे पता होता तो हम यु अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम न करते
कहते हैं की जब कोई किसी को बहुत याद करता हैं तो तारा टूट कर
गिरता हैं
एक दिन सारा आसमान ख़ाली हो जायेगा ओंर इल्जाम मुझ पर आएगा