वक़्त खराब है तो झुकता जा रहा हूँ
जब दिमाग खराब होगा तो हिसाब पल पल का लूँगा
वक़्त खराब है तो झुकता जा रहा हूँ
जब दिमाग खराब होगा तो हिसाब पल पल का लूँगा
साथ जब भी छोड़ना तो मुस्कुरा कर छोड़ना
ताकि दुनिया ये ना समझे हम में दूरी हो गई
मुझे गुमनाम आशिक कहने वालो ये मंजर भी देख लो
पूरा शहर आया है मेरे जनाजे में
अच्छा हुआ तूने ठुकरा दिया मुझे
प्यार चाहिए था तेरा एहसान नही
मेरी बेबसी की इंतहा मत पूछो;
मैं रो के कह रहा था वो हंस के सुन रही थी.
मैंने दिल के दरवाजे पर लिखा अंदर आना सख्त मना है
प्यार हँसता हुआ आया और बड़ी मासूमियत से बोला मुझे माफ करना मैं तो अन्धा हूँ
मुस्कान भरे चेहरे के पीछे कितनी तड़प कितनी आग है
एक शायर कहीं छिपा हुआ था चेहरा दिखाया आज है
गुलाब के फूल से गुलाब की डन्डी ली तोड़
इतनी मोहब्बत करके बेचारी रही छोड़
पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त
आँखों में डूबने वालों का अन्जाम बूरा होता है
मुझे मेरे कल कि फिक्र तो आज भी नही है
पर ख्वाहिश तुझे पाने कि कयामत तक रहेगी
सब कुछ लूटा दिया तेरी मुहब्बत में
कमबख्त आसु ही ऐसे है की जो खत्म नही होते है
जुदा होने का शौक भी पूरा कर लेना मेरे हमदम
लगता है तुझे हम जिंदा अच्छे नहीँ लगते
दफा हो जा ए महोब्बत मेरी ज़िंदगी से
हंसी हंसी में तूने तो मेरी हस्ती ही मिटा डाली
बस यही सोचकर छोड दी हमने जिद्द मोहब्बत की
अश्क उनके बहे या मेरे रोयेंगी तो मोहब्बत ही