खता उनकी भी नही यारो वो भी क्या करते
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते
खता उनकी भी नही यारो वो भी क्या करते
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते
सोच रखी है बहुत सी बाते तुम्हे सुनाने को
तुम हो, के आते ही नहीं हमें मनाने को
जितना रूँठना है रूँठ ले पगली..!!
जिस दिन हम रूँठ गए उस दिन तू जीना ही भूल जाएगी...!!!
सब तेरी मोहब्बत की इनायत है
वरना मैं क्या मेरा दिल क्या मेरी शायरी क्या
er kasz
नजर से दूर रह कर भी किसी की सोच में रहना
किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो
ना जाने क्यों मुझे लोग मतलबी कहते है
एक तेरे सिवा दुनियां से मतलब नहीं मुझे
इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी
कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नही लगती
वो कहते हैं बता तेरा दर्द कैसे समझूँ
मैंने कहा इश्क़ कर बहुत कर और करके हार जा
सच ही कहा था किसी ने तनहा जीना सीख
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो तनहा छोड़ जाती है
प्यार में हर आशिक तब हो जाता है मजबूर
जब हसीना दिल तोडकर चली जाती है उससे दूर
मेरे मौत की खबर उसे न देना दोस्तों
घबराहट होती है कही पागल न हो जाये ख़ुशी में
सब कुछ लूटा दिया तेरी मुहब्बत में
कमबख्त आसु ही ऐसे है की जो खत्म नही होते है
दर्द हमेशा अपने ही देते है वरना गैरो को क्या पता कि
तकलीफ किस बात से होती है।
अजीब दास्तान हे इस छोटे से दिल की
मरम्मत हम करे सुधारे भी हम ओर तोड़ कोई ओर दे
हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये बहुत
चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये
Er kasz