ज़रा देख ये दरवाज़े पे दस्तक किसने दी है
अगर ईश्क़ हो तो कहना यहा दिल नही रहता
Er kasz

न शिकायतें न सवाल है कोई आसरा न मलाल है
तेरी बेरुखी भी कमाल थी मेरा जब्त भी कमाल है

रौनके मुझे भी बेहिसाब चाहिए
गरीब हूँ तो क्या ए रब मुझे मेरी खुद्दारी का हिसाब चाहिए

Ho Sake To Thoda Pyar Jata de
Sukhi Padi KI IS Zamin ko Bhiga De

आजकल दिल कुछ ठीक सा नही रहता
पता नही हम बदल गए या तुम
er kasz

वजह नफरतों की तलाशी जाती है
मोहब्बत तो बेवजह ही हो जाती हैं…!

दिल दिया है तो दिल मिला भी होगा किसी से
क्यों इश्क में हिसाब किए फिरते हो

मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है

हमारे तजूँबे हमें ये भी सबक सीखाता है
की जो मख्खन लगाता है वो ही चुना लगाता है

छुपाई दास्तां गम पेश है तेरे हाथों में
यकीं करता नहीं यह दिल अब तेरी बातों में

इश्क के रिश्ते भी बड़े नाजुक होते है साहब
रात को नम्बर बिजी आने पर भी टूट जाते है

जीत हासिल करनी हो तो काबिलियत बढाओ
किस्मत की रोटी तो कुत्ते को भी नसीब होती है
Er kasz

मदहोश होता हूँ तो दुनियाँ को बुरा लगता हूँ
होश रहता है तो दुनियाँ मुझको बुरी लगती है

मरने कीबातपे जोरख देते थे मुँह पे उँगलियाँ
अफसोस वही लोग मेरी मुहब्बत के कातिल निकले

तुमने मुझे छोड़ कर किसी और का हाथ तो थाम लिया है
मगर ये याद रखना हर शक्स मोहब्बत नहीं करता