तुम्हारी और हमारी रात मे फर्क शिर्फ इतना है

तुम सो के रात बिताते हो हम रो के रात बिताते है

में तो हर बार पीछे मुड़ कर देखता रहा
वही रास्ते थे वही मंजर था बस एक तुम ही वहाँ से लापता थे
Er kasz

गुज़र गया वो वक़्त जब हम तुम्हारे तलबगार हुआ करते थे.
अब ज़िन्दगी भी बन जाओ तो क़ुबूल नहीं करेंगे.

मेरे लिए इतनी लम्बी उम्र की दुआ मत मांग .
ऐ दोस्त
कहीं ऐसा ना हो के तू भी छोड़ दे और मौत भी ना आये.

कुछ दर्द मुझे तू सहने दे, अंदर से जिंदा रहने दे,
आँखें बंजर हो जाएंगी, कुछ अश्क मेरे तू बहने दे..Er kasz

पत्थर सा हो गया हूँ मै दर्द तुम्हारा सह सहकर साहिबा
वर्ना तो हम भी रोए है अपने घुटनो पर सर रखकर

तेरी यादों के संग बरसती रही अश्कों की बारिश.
भीग गई हथेलियाँ ढूंढते ढूंढते लकीरों में तेरा नाम.!Er kasz

☄मेरे अलावा किसी और को अपना इश्क़ बना कर देख ले..
तेरी हर धड़कन कहेगी उसकी वफ़ा मैं कुछ और बात थी !! ☄ er kasz

मैं कैसे यकीन कर लूँ कि मुझसे मोहब्बत नही थी उनको
सुना है आज भी वो रोती है मेरी तस्वीर सीने से लगा कर

टूट कर बिखर जाते हैं वो लोग मिटटी की दीवारो की तरह
जो खुद से भी ज्यादा किसी और से मोहब्बत किया करते है

तुम छोड़ गये मुझको पर मैं बदल ना पाया खुद को
बस तुम्हें ही सोचना तुम्हें ही चाहना मेरा आज भी जुनून है...

तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई