ये किस मिट्टी के बने लोग हैं ऐ मेरे परवरदिगार
जो कभी मेरे एक आँसु से तड़प उठते थे आज साथ छोड़ने कि बात करते हैं.....
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ये किस मिट्टी के बने लोग हैं ऐ मेरे परवरदिगार
जो कभी मेरे एक आँसु से तड़प उठते थे आज साथ छोड़ने कि बात करते हैं.....
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