आजाओ सामने दुल्हन बन कर
खुदा की कसम जान दे देंगे मुँह दिखाई में
Er kasz

शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ

कीजे मुझे क़ुबूल मिरी हर कमी के साथ

वो पूछते हैं इतने गम में भी खुश क्युँ हो
मैने कहा प्यार साथ दे न दे यार साथ हैं

क्या लूटेगा जमाना खुशियों को हमारी
हम तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरों पर लुटाकर जीते है
Er kasz

दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं

मुंह की बात सुने हर कोई दिल का दर्द जाने कौन
आवाज़ के इस बाज़ार में ख़ामोशी पहचाने कौन
er kasz

वो काग़ज़ आज भी फूलों की तरह महकता है
जिस पर उसने मज़ाक़ में लिखा था मुझे तुमसे मोहब्बत है
er kasz

घर के दरवाजे बड़े करवा लिए है मैंने
कुछ दोस्तों का कद बड़ा हो गया चार पैसे कमाकर

पूछा जो हमने उनसे कि भुला दिया मुझे कैसे
वो चुटकियां बजा कर बोली एसे एसे एसे
er kasz

न छेड़ किस्सा-ऐ-उल्फत बड़ी लम्बी कहानी है
मैं ज़माने से नही हारा हूँ बस किसी की बात मानी है

इस दौर के इन्सानों ने वफा का साथ छोड़ दिया है
तुम बड़े पागल हो जो इनसे वफादारी की उम्मीद करते हो
er kasz

हम शरारती बेइंतेहा थे
अब तन्हा भी बेमिसाल है
Er kasz

जो तोर है दुनिया का, उसी तोर से बोलो
बेहरों का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो er kasz

इसी बात ने उसे शक में डाल दिया हो शायद
इतनी मोहब्बत उफ्फ कोई मतलबी हीं होगा
er kasz

मेरे मरने का एलान हुआ तो उसने भी यह कह दिया
अच्छा हुआ मर गया,बहुत उदास रहता था
er kasz