Home
Aapka Swagat Hai
Shayari Bazar
Mai
Toggle navigation
Menu
English
Punjabi
Hindi
Urdu
Haryanvi
Two-lines
Riddles
Sms
Facebook Status
Jokes
Quotes
Catholic
Home
Two Lines
Kashish Shayari
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब
राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं
er kasz
Like
(
0
)
Dislike
(
0
)
Share
Related Post
Ab Na Jagoon Ga Raaton Ko
ग़लतियाँ सुधारने का समय तब खत्म
कुछ इस अदा से तोड़े है
अपनी जवानी में और रखा ही
ना शाख़ों ने जगह दी ना
बदला हुआ वक़्त है ज़ालिम ज़माना
जबाँ ख़ामोश है लेकिन निग़ाहें बात
खूबसूरत जिस्म हो या सौ टका
इस धरती से उस अम्बर तक
बहुत थे मेरे भी इसदुनिया मेँ
Your Comment
Login
Your Comment