ना जाने क्यो दिन निकलते ही उदास हो जाता हुँ
महसूस होता है कि कोई भूल रहा है हमे धीरे-धीरे

उन पर बीतेगी तो वो भी जान जायेंगे ऐ दोस्त
जब कोई नजर अदांज करता हैं तो कितना दर्द होता है

जब हम निभाते है तो कुछ इस तरह निभाते है मुहब्बत
साँस लेना छोड़ सकते है मगर दामन ऐ यार नहीं

मत पुछ शीशे से उसके टुट्ने की वजह.
क्योंकि उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समझा होगा!

कोई मासूम लड़की प्यार में कुर्बान है जिस पर
बनाकर वीडियो उसका वो प्रेमी बेच देता है
er kasz

बाज़ार के रंगों से रंगने की मुझे जरुरत नही
किसी की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है…!

तुमने मुझे छोड़ कर किसी और का हाथ तो थाम लिया है
मगर ये याद रखना हर शक्स मोहब्बत नहीं करता

चूम लेती है लटक कर कभी चेहरा तो कभी लब..!
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तुमने अपनी जुल्फों को बहोत सिर पे चढ़ा रखा हे !Er kasz

नही हो सकती अब ये मोहब्बत तेरे सिवा किसी और से,
बस इतनी सी बात है और तुम हो के समझते ही नहीं

लफ़्जो को पिरोने का हुनर सिखा तुम्ही से हमने
हर लफ्ज हम अब सिर्फ तेरे लिए ही लिखते हैं
er kasz

हंसी आती ये सोचकर कि दर्द कोई समझता नही
मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग

सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो, मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते...! Er kasz

मोहब्बत तो पाक थी है और रहेगी
शर्मिंदा तो इसे खोखले रिवाज़ों और दोगले लोगों ने कर रखा है

मैने किस्मत की लकीरों पर यकीन करना छोड़ दिया है
जब इंसान बदल सकते है तो लकीरे क्यों नहीं

तू आज़मा के देख तो सही अपने दीवाने को
मैं दुनिया छोड़ दूंगा तुम्हे अपने करीब लाने के लिए