अगर मेरी शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों
मैं दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ दर्द देने के लिए नही
Er kasz

किसी ने कहा है एक तरफ़ा प्यार कभी ख़त्म नहीं होता
पर किसी ने भी ये नहीं कहा एक तरफ़ा प्यार कभी पूरा नहीं होता

लाख हों हम में प्यार की बातें ये लड़ाई हमेशा चलती है
उसके इक दोस्त से मैं जलता हूँ मेरी इक दोस्त से वो जलती है

कोई दावत तो उसे दे आए जाकर जनाज़े में मेरे शरीक़ होने की
आखिरी सफर में ही सही हमसफ़र बनाने की आरज़ू तो पूरी हो

मोहब्बत भी तूने क्या चीज़ बनायी है
ए-खुदा
तेरी ही मस्जिद में तेरा ही बंदा तेरे ही सामने रोता है किसी और के लिये !!