भरोषा मत करना इस दुनिया के लोगों पे
मुझे तबाह करने वाला मेरा बहुत अजीज़ था
भरोषा मत करना इस दुनिया के लोगों पे
मुझे तबाह करने वाला मेरा बहुत अजीज़ था
पूँछा जो मैंने उससे मुझको भुला दिया कैसे
चुटकी बजा के वो बोला- ऐसे ऐसे ऐसे
इसी बात ने उसे शक मेँ डाल दिया हो शायद
इतनी मोहब्बत उफ्फ कोई मतलबी ही होगा
ना जाने इस ज़िद का नतीज़ा क्या होगा..
समझता दिल भी नहीँ, वो भी नहीँ, मैँ भी नहीँ..
नजर अंदाज करने की वजह कुछ तो बताते तुम
अब मैं कहा कहा खुद की बुराइया ढूँढू
तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है
तुम किसी और से मालूम तो करके देखो
हम किसी ओर के कितने है और तुम्हारे कितने
वो मिल जाए मुझे तो यू समझूंगा
के जन्नत का एलान हो गया किसी गुनाहगार के लिए
वक्त के साथ कितना कुछ बदल जाता है !
चेहरे भूल जाते हैं फिगर याद रह जाता है!!Er kasz
सबसे आवश्यक चीज है कि आप अपने जीवन का आनंद लें
खुश रहे बस यही मायने रखता है
तुझे देखकर ही शुरू होती है मेरी हर सुबह
फिर कैसे कह दूँ के मेरे दिन खराब है
कहाँ कोई यहाँ आता है कुछ करने के लिए
एक उम्र ज़िंदा रहना पड़ता है मरने के लिए
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
कितने आसान लफ्जों मे कह गई मुझे
सिर्फ दिल ही तोड़ा है कौन-सी जान ले ली तेरी
अब की बार एक अजीब सी ख्वाहिश जगी है.....
कोई मुझे टूट कर चाहे और मै बेवफा निकलू...