कब तक भूगतूँ मै अब सज़ा तेरी
एइश्क गलती हो गई बस माफ़ कर अब मुझे
कब तक भूगतूँ मै अब सज़ा तेरी
एइश्क गलती हो गई बस माफ़ कर अब मुझे
आँधियों ने लाख बढ़ाया हौसला धूल का
दो बूँद बारिश ने औकात बता दी
दर्द ऐ महोबत तो हमने भी बहुत की
पर भुल गये थे की HEROIN कभी VILLIAN की नही होती
खामोशी भी बहुत कुछ कहती है.
पर कान नहीं दिल लगाकर सुन्ना पड़ता है..
दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो
ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी
पता नहीं अब हक़ है भी या नहीं...
पर तेरी परवाह करना मुझे आज भी अछा लगता है...
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए
Er kasz
किसी भी मौसम में ख़रीद लीजिये ज़नाब
मोहब्बत के ज़ख्म हमेशा ताजा मिलेंगे
"दिन तो कट जाता है शहर की रौऩक में
पर कुछ लोग बहुत याद आते हैं शाम ढल जाने के बाद
मोहब्बत तो पाक थी है और रहेगी
शर्मिंदा तो इसे खोखले रिवाज़ों और दोगले लोगों ने कर रखा है
मेने बस तुमसे बेइंतिहा मोहब्बत की है
ना तुम्हे पाने के बारे में सोचा ना ही खोने के बारे में
तुम ने तो सोचा होगा मिल जाएँगे बहुत चाहने वाले
ये भी ना सोचा कभी कि फर्क होता है चाहतों में भी
☄मेरे अलावा किसी और को अपना इश्क़ बना कर देख ले..
तेरी हर धड़कन कहेगी उसकी वफ़ा मैं कुछ और बात थी !! ☄ er kasz
किसी ने कहा है एक तरफ़ा प्यार कभी ख़त्म नहीं होता
पर किसी ने भी ये नहीं कहा एक तरफ़ा प्यार कभी पूरा नहीं होता
कफन मे लिपटा देखकर माथा चूम के मेरे दोस्त मुझसे बोले
अरे पागल, नऐ कपडे पहन लिये तो क्या अब बात भी नही करेगा
Er kasz