आजाद कर देंगे तुम्हे अपनी चाहत की कैद से मगर
वो शख्स तो लाओ जो हमसे ज्यादा कदर करे तुम्हारी

माना की बुरा हु
लेकिन इतना भी नहीं की याद भी न आउ

तेरा घमंड तो चार दिन का है पगली,
हमारी बादशाही तो खानदानी है

हमे हराने का शोख नहीँ
बस हम खेलते हे उस अंदाज से की लोग मैदान छोड देते हैं

हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो मेरे होश ही उड़ा दिये
मेरा हाथ देख कर बोला तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी
er kasz

आज कल की दुनिया में सच्चा दोस्त मिलना बहोत ही मुश्किल है,
मैं खुद हैरान हूँ कि तुम लोगों ने मुझे ढूढ़ कैसे लिया.!

मेरा वजूद नहीं किसी तलवार और तख़्त ओ ताज का मोहताज
मैं अपने हुनर और होंठो की हंसी से लोगो के दिलों पे राज करता हूँ

नाम कमाना पड़ता है
खैरात में बदनामी मिलती है

आदत नहीं हमे पीठ-पीछे वार करने की
दो शब्द कम बोलते हैं पर सामने बोलते हैं

दुनिया डर से चलती है और हम स्टाईल से
जो हमसे जले ओ जरा ŞÍĐË से चले

बादशाह बनके हुकुमत करने का शौक नही हमे
हम अपनी अदा से भी राज करना जानते है

कमीनेपन की तो बात ना कर दोस्त
में उनमे से हूँ जो मछली को भी डुबो डुबो के मारता हे

यूँ तो मुझे बदनामी अपनी अच्छी नही लगती
मगर लोग तेरे नाम से छेड़ें तो बुरा नही लगता

Gussa ek bahut badi daulat hoti hai
usse bhi sooch samajhkar karch karna chahiye

हम ही बोलते है हरदम
इलाका किसी का भी हो धमाका हमारा ही होगा