मुझे रोता देख कर वो जो मुस्कुरा दिया
यकीनन उसका ग़म मुझसे बड़ा होगा

अगर बेपरवाह लोगो की अलग दुनिया होती
तो मेरा यार वहां का बादशाह होता

बोल था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाइयों ने मुझे गुनहगार कर दिया

अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा
जहाँ लोग मिलते कम झांकते ज़्यादा है

काली घटाओं ने हमें पीना सीखा दिया
जामें शराब ने हमें जीना सीखा दिया

नज़र-नज़र का फर्क है हुस्न का नहीं
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है

लिखेंगें तेरे लिऐ रोज कुछ न कुछ
इसी मेरे ख्याल ने मुझे शायर बना दिया

लोग रिश्ते भी फायदा देख कर निभाते है
जिनकी जरूरत नही तोड़ दिए जाते है

कहीं तो दर्द होगा कोई सीने में ज़रूर
यूँ ही हर एक तनहा शायर नहीं होता

अजीब जुल्म करती है तेरी ये यादें
सोचू तो बिखर जाऊ ना सोचू तो किधर जाऊ

भूल जाना तुम मुझे पर ये याद रखना
तेरी रूह रोयेगी जब कोई मेरा नाम लेगा

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना
नफ़रत बता रही है तूने महोब्बत् गजब की थी

भुला देंगे तुम को भी ज़रा सबर तो करो,
रग रग में बसे हो, कुछ वक़्त तो लगेगा..!

याद करना तुझे और याद ही करते रहना
ज़िंदगी इस से हसींन और भला क्या होगी

अक्श हर शख्स मे उसी का दिखाई देगा तुम्है
चाहते हो हर-पल हर-लम्हा जिसे