ऐसा नहीं की अब तेरी जरूरत नहीं रही,
बस टूट के बिखरने की अब हिम्मत नहीं रही…
ऐसा नहीं की अब तेरी जरूरत नहीं रही,
बस टूट के बिखरने की अब हिम्मत नहीं रही…
सारे खयाल दिल के वो अपने साथ ही ले गयी
अपना खयाल रखना जाते जाते यह भी कह गयी
काश कि ये इश्क भी चुनावों की तरह होता
हारने के बाद दिल खोल कर बहस तो कर लेते
ये जो उम्मीदें है मीठे जहर की माफ़िक़ है
या तो मर ही जाती है या फिर मार देती है
मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ.
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी.
एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है.
मुझे भी वही मिला जो हर आशिक का नसीब है
चाहा जिसे दिल से वो अब गेरो के करीब है
आखोँ में तेरे सपने होठों पे तेरी बात
ऐ दिन तो कट जाता है गुजरती नहीं रात✍ Er kasz
अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली
गरीब हूँ इसलीये दिल असली दे रहा हु
Er kasz
मुझे मालुम हे वह किसी और कि हो गई है
इस दिल का क्या करे जो उस वेवफा पे मरता है
अच्छा हुआ तुमने तोड़ दिया गुस्ताख दिल को
कमबख्त तुमसे प्यार बहुत करता था
रात गुज़री है तेरी यादों के साये में..
सुबह से तेरे ख़्वाबों में उलझा हूँ..!! Er kasz
किस कदर दर्द सेहता होगा वो सख्स
जिसे अहसास हो अब ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं रही
चलो छोड़ो तुम्हें क्या बताना मुहब्बत के दर्द को
जान जाओगे तो जान से जाओगे
उसे अपना कहने की बड़ी तमन्ना थी दिल मे.
इससे पहले बात लबो पर आती वो गैर हो गये...