फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं,
कब्रे जितनी भी सजा लो, कोई ज़िंदा नहीं होता .

अजब तमाशा है मिट्टी से बने लोगों का
बेवफ़ाई करो तो रोते हैं अगर वफ़ा करो तो रुलाते हैं...

बहुत तकलीफ देती है ना मेरी बातें तुम्हे
देख लेना एक दिन मेरी ख़ामोशी तुम्हे रुला देगी

तेरी दुआओ का दस्तुर भी अजब है मेरे मौला
मुहबबत उन्ही को मिलती है जिन्हे निभानी नही आती

तू मेरा आशिक मै तेरी आशिकी बनी रहूंगी सनम
ये मेरा फैसला है साथिया चाहे ढेर ख़ुशी हो या गम

जो चीज़ मेरी है उसे मेरे सिवा कोई और ना देखे
इंसान भी मोहब्बत में बच्चों की तरह सोचता है

अच्छा नही लगता ये मनहूस अलार्म को सुनकर उठना
काश कोई जुल्फो से पानी झटक कर हमे भी जगाता...

बदलेंगे नहीं जज़्बात मेरे तारीखों की तरह
बेपनाह प्यार करने की ख़्वाहिश उम्र भर रहेगी

ये आईने ना दे सकेंगे तुझे, तेरे हुस्न की खबर
कभी मेरी आँखों से आकर पूछ, के कितनी हसीन है तू..!

ज़ुल्म इतना ना कर की लोग कहेँ तुझे दुश्मन मेरा...
हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रख्खा हे..

वक्त तू कितना भी सता ले मुझे ,
लेकिन याद रख किसी मोड़ पर ,
तुझे भी बदलने पर मजबूर कर दूंगा!! Er kasz

अब तो मुहब्ब्त भी सरकारी नौकरी जेसी लगती है
कम्भख्त हमारे जैसे गरीबो को तो मिलती ही नहीं

तैरना तो आता था हमे मोहब्बत के समंदर मे लेकिन
जब उसने हाथ ही नही पकड़ा तो डूब जाना अच्छा लगा

ले रहा था मोहब्बत के बाज़ार से इश्क की चादर
लोगों के हुजूम से आवाज आई साहिब आगे से कफ़न भी लेना

तूझे पा ना सके तो भी हम तुझे प्यार करते रहेंगे
ये जरूरी तो नही जो मिल ना सके उसे भुला दिया जाए