जख्म बन जाने की आदत है उन्हें रुला कर मुस्कुराने की आदत है उन्हें
मिलेंगे कभी तो खूब रुलाएंगे सुना हैं रोते हुए लिपट जाने की आदत है उन्हें
er kasz

Ek Tumhe Mangne Ke Baad
Sab Tumhare Liye Manga

Ham Se Zindagi Ki Haqiqat Na Pucho Ae Dosto
Bahot Matlabi The Kuch Log Jo Tanha Kar Gaye

Rulana hi hai to hasaney ka takalluf kaisa
Kyun zehar de rahe ho muhabbat mila mila kar.

फ़िर एक भीड़ भरा दिन
और अकेलापन तलाश करती रात
Er kasz

न इतराइए देर लगती है क्या
जमाने को करवट बदलते हुए
er kasz

कभी फुरसत मिले तो सोचन हम ही तेरे अपने है
यां तुम भी हमारे हो

दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त

दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से

अपनी मौत भी क्या मौत होगी
यूँ ही मर जायेगे तुम पे मरते मरते
Er kasz

अरसे बाद ही सही वो हमारी गली में लोट आये
लेकिन किसी और के लिए
er kasz

शेर हर कोई नही होता
क्यों की शेर नाम से नही काम से जाना जाता है
G.R..s

कुछ अलग सा है हमारी मोहब्बत का हाल
तेरी चुप्पी और मेरे ख़ामोश सवाल
er kasz

नकाब कहती है मैं पर्दा-ए-कयामत हूँ
अगर यकीं न हो तो देख लो उठा के मुझे
er kasz

महसुस हो रही है सरगोशियां धडकनों की
लगता है एक पगला मेरे शहर आ रहा है
Er kasz

तुम्हारे पास रहने को जगह नही है क्या
जो हर रात मेरी आँखो मे उतर आते हो
er kasz