किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी
मैं मुस्करा के बोला: उसके ख्यालो मे डूब कर
Er kasz
किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी
मैं मुस्करा के बोला: उसके ख्यालो मे डूब कर
Er kasz
बहुत थक सा गया हूँ खुद को साबित करते करते
मेरे तरीके गलत हो सकते है मगर मेरी मोहब्बत नही
er kasz
हम तो नादान है क्या समझेगें उसूल मोहब्बत के
बस उसे चाहना था उसे चाहते हैं और उसे ही चाहेंगे
er kasz
ये मत समझो कि तुम भुल जाओगे तो हम मर जायेंगे
वो भी जिंदा है जिन्हे भुला दिया था हमने तेरी खातिर
Er kasz
किसी के दिल में क्या छुपा है ये बस खुदा ही जानता है
दिल अगर बेनकाब होता तो सोचो कितना फसाद होता
Er kasz
वो आये इस तरह मेरी ज़िन्दगी में ज़िन्दगी की हर कमी पूरी हो गई
लेकिन अब क्या होगा जब वो ही नही होंगे
er kasz
क्यों सताते हो मुझे यूँ दुरियाँ बढ़ाकर
क्या तुम्हे मालूम नहीं अधूरी हो जाती है तुझ बिन जिन्दगी
Er kasz
उसने कहा हाथो में हाथ देकर ये साथ कभी न छोड़ना
फिर क्यों उसे ये वादा तोड़ दिया क्यों हमे अकेले छोड़ दिया
er kasz
न सफारी में नज़र आई और न ही फरारी में नज़र आई
जो खुशिया बचपन की दोस्तों के साथ साईकिल की सवारी में नज़र आई
Er kasz
बडे अरसे से हम single ही हे
क्यूंकी जैसी तैसी पसंद हम रखते नहीं और
जो पसंद हैै उसका Attitude हम सेहते नही
GRs
मेरी किस्मत में तो कुछ यूँ लिखा है किसी ने वक्त गुज़ारने के लिए अपना बनाया
तो किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया
Er kasz
जो इंसान आपसे ज़्यादा प्यार,करेगा वो आपसे रोज़ लड़ेगा
लेकिन जब आपका एक आंसू गिरेगा तो उसे रोकने के लिए वो पूरी,दुनिया से लड़ेगा
मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है
ये कागज, कलम ये गजल आख़िरी है
मैं फिर ना मिलूंगा कहीं ढूंढ लेना
तेरे दर्द का ये असर आख़िरी है
Er kasz
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है
उनसे कह नही पाना हमारी मजबूरी है
वो क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को
क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है
Er kasz