Garaj garaj kar puchta raha raat aasmaan mujse ke
Pagle kya milega tujhe itna dard jhelkar
Fir kambakht khud hi rota raha
Pyar me mera hashar dekh kar
er kasz

नशा तब दोगुना होता है
जब जाम भी छलके और आँख भी छलके
er kasz

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है
पर जिक्र करने का हक नहीं रहा
er kasz

मेरा रब भी रूठा है मुझसे शायद
मैं तुझे मांगू भी तो किससे
Er kasz

वाकिफ़ है वो मेरी कमज़ोरी से
वो रो देती है और मैं हार जाता हूँ
er kasz

कोई इल्जाम रह गया हो, तो वो भी दे दो
हम पहले भी बुरे थे अब थोड़ा और सही

तुम्हें देखकर किसी को भी यकीन नही
कि मेरे दिल का ये हाल तुमने ही किया है
er kasz

लिखता हूं पत्र खून से स्याही न समझना
मरता हूं तुम्हारी जान पे जिन्दा न समझना

शायरी करना भी तो एक नेकी का काम है
कितने बिछड़े हुए लफ़्जो को मिला देता हूँ
Er kasz

ज़रा देख ये दरवाज़े पे दस्तक किसने दी है
अगर ईश्क़ हो तो कहना यहा दिल नही रहता
Er kasz

इक आग का दरिया हैं मोजों की रवानी हैं
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं.. तेरी मेरी कहानी हैं
er kasz

में बंदूक और गिटार दोनों चलाना जानता हूं
तय तुम्हे करना हे की आप कौन सी धुन पर नाचोगे
er kasz

वो मुझसे दूर रहकर अगर खुश है तो खूश रहने दो उसे
मुझे वैसे भी उसकी चाहत से ज़्यादा मुस्कुराहटपसंद है
er kasz

अगर किसी दिन तुम्हे रोना आये तो कॉल जरूर कर लेना
हँसाने की गारंटी तो नही लेता पर तेरे साथ रोऊँगा जरूर
Er kasz

जीवन में बहुत सी मुश्किलें आयेगीं लेकिन कभी शिकायत मत करना
क्योकिं भगवान ऐसा डायरेक्टर है जो सबसे कठिन रोल बेस्ट एक्टर को ही देते है
Er kasz