बेटी को जिसने मरवा दिया था पत्नी के कोख में
मोहल्ले में लडकिया ढूँढ रहा है नवरात्रे के कन्या भोज में
बेटी को जिसने मरवा दिया था पत्नी के कोख में
मोहल्ले में लडकिया ढूँढ रहा है नवरात्रे के कन्या भोज में
हारना तब आवश्यक हो जाता हैं जब लड़ाई अपनों से हो
और जीतना तब आवश्यक हो जाता हैं जब लड़ाई अपने आप से हो
Er kasz
किसी ने प्यार में दिल हारा तो क्यूँ हैरत है लोगों को
युद्धिष्ठिर तो जुए में अपनी पत्नी बेच देता है
Er kasz
यही हालात इब्तदा से रहे लोग हमसे ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे
बेवफ़ा तुम कभी न थे लेकिन ये भी सच है कि बेवफ़ा से रहे
हमारे पिछे चाहे हमे कोई कूछ भी बोल हमे कोई फरक नही पडता
क्योकी जब हम सामने आते है तो हमे सलाम ठोकना पडता है
अपनी आदतों के अनुसार चलने में इतनी गलतियाँ नहीं होती हैं
जितनी दुनिया का लिहाज रखकर चलने में होती हैं
Er kasz
अगर मेरी शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों
मैं दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ दर्द देने के लिए नही
Er kasz
हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो मेरे होश ही उड़ा दिये
मेरा हाथ देख कर बोला तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी
er kasz
कफन मे लिपटा देखकर माथा चूम के मेरे दोस्त मुझसे बोले
अरे पागल नऐ कपडे पहन लिये तो क्या अब बात भी नही करेगा
Er kasz
धन से बेशक गरीब रहो पर दिल से रहना धनवान
अक्सर झोपडी पे लिखा होता है सुस्वागतम और महल वाले लिखते है कुत्ते से सावधान
er kasz
अजीब था उनका अलविदा कहना,सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नही
er kasz
क्या करोगे ये जानकर कि कितना प्यार करते हैं तुमसे
बस इतना जान लो कि वो नम्बर तुम्हारा ही था जो मुझसे पहली बार याद हो पाया था
Er kasz