सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मुहोब्बत का
एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं
er kasz

बड़ी सादगी से उसने कह दिया रात को सो भी लिया कर
रातों को जागने से मोहब्बत लौट नहीं आती
er kasz

कोई मासूम लड़की प्यार में कुर्बान है जिस पर
बनाकर वीडियो उसका वो प्रेमी बेच देता है
er kasz

चन्द लम्हें जो गुज़ार आया हूँ अंजानो के साथ
दिल नहीं लगता मेरा अब जाने पहचानों के साथ
er kasz

लफ़्जो को पिरोने का हुनर सिखा तुम्ही से हमने
हर लफ्ज हम अब सिर्फ तेरे लिए ही लिखते हैं
er kasz

गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारो का वरना
लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर आज भी रखता हूँ
er kasz

राज तो हमारा हर जगह पे है पसंद करने वालों के दिल में और
नापसंद करने वालों के दिमाग में
er kasz

तू अगर चला गया छोड़कर मुझे अकेला
तो ले जाना उन पलों को भी जो तेरे बिना मेरी जान ले लेगें
er kasz

ये नजर चुराने की आदत आज भी नहीं बदली उनकी
कभी मेरे लिए जमाने से और अब जमाने के लिए हमसे
er kasz

याद आयेगी मेरी तो बीते कल को पलट लेना
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराता हुआ मिल जाऊंगा
Er kasz

मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है
er kasz

कहीं तुम भी न बन जाना किरदार किसी किताब का
लोग बड़े शौक से पड़ते है कहानिया बेवफाओं की
er kasz

सुनो बहुत इंतजार करता हूँ तुम्हारा
सिर्फ एक कदम बढा दो बाकी के फासले मै खुद तय कर लूँगा
Er kasz

ठोकरें खा कर भी ना संभले तो मुसाफ़िर का नसीब
वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज़ निभा ही दिया
er kasz

एक ख़त कमीज़ में उसके नाम का क्या रखा
क़रीब से गुज़रा हर शख़्श पूछता है कौन सा इत्र है जनाब
Er kasz