labo ko labo se chu lene do
hume bhi mohabat kar lene do

प्यार एक जिम्मेदारी है
जिसे किस्मत वाले उठाते है

मुस्कुरा देता हूँ अक्सर देखकर पुराने खत तेरे,
तू झूठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी...!

अब इस से भी बढ़कर गुनाह-ए-आशिकी क्या होगा
जब रिहाई का वक्त आया तो पिंजरे से मोहब्बत हो चुकी थी

Bas isliye har shaks shayar nahi ban pata
Bayan e dard ka hunar kisi kisi ko aata hai

जी भर के देखने दो अपने चेहरे को ए सनम
मुद्दत हुई इन आँखों ने कोई अपना नहीं देखा

मुझे मिल गई है मुहब्बत की मंजिल
कोई पूछ ले मेरे हम सफ़र से

कमाल करते हो ऐ दिल तुम भी
उसे फुरसत नहीँ और तुम्हेँ चैन नहीँ

ए इश्क़ मुझे कुछ और ज़ख्म चाहिए
मेरी शायरी में अब वो बात नहीं रही

लगता है खुदा का बुलावा आने वाला है
आज कल मेरी झूठी कसम खा रही है वो "पगली"

उसने मुज से पुछा मेरे बिना रह लोगे
सांस रुक गई और उन्हें लगा हम सोच रहे है

गर इसी रफ़्तार से मानेंगे सब खुद को खुदा
एक दिन दुनिया में बन्दों की कमी हो जाएगी

लोग कहते है की मोहब्बत एक बार होती है
लेकिन मैं जब जब उसे देखू मुझे हर बार होती है

अक्सर जीनहे हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं.....
उनही पर सबसे ज्यादा गुस्सा करते हैं....

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ
ऐ खुदा
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे जो मौत तक वफा करे