जब वो मुहँ मे क्लिप दबा कर खुले बालो का जूडा लगाती थी
जिंदगी वही रुक जाती थी

खामोश हूँ सिर्फ़ तुम्हारी खुशी के लिये
ये न सोंचना कि मेरा दिल दुःखता नहीं

तू मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती

क्यों ना सज़ा मिलती हमें मोहब्बत मैं
आखिर हम ने भी तो बहुत दिल तोड़े तेरी खातिर

तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना
हम जान दे देते हैं मगर जाने नहीं देते

आज अजीब किस्सा देखा हमने खुदखुशी का
एक शख्स ने ज़िन्दगी से तंग आकर महोब्बत कर ली

एक तेरा ही नशा था जो शिकस्त दे गया मुझे
वरना मयखाने भी तौबा करते थे मेरी मयकशी से!..

ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है मुहब्बत के लिए

फिर रूठकर वक़्त गंवाने की जरूरत क्या है

बेदर्द जमाने से आजकल डरने लगे है हम
क्योंकि तुम जैसी हसीना से प्यार करने लगे हैं हम

सच कहते हैं हम कि तुम्हें अपना बनाएंगे
आज नहीं तो कल तुम्हें अपनी पलकों पर बिठाएंगे

कुर्बान हो जाऊँ उस सख्श की हाथों की लकीरों पर
जिसने तुझे माँगा भी नहीं और तुझे पा लिया

हाथ जख्मी हुए तो कुछ हमारी भी गलतियाँ थी
लकीरों को मिटाने चले थे किसी एक को पाने के लिए

लोग हर बार यही पुछते है तुमने उसमें देखा क्या
मैं हर बार यही कहती हूं बेवजह होती है मोहब्बत

आजाद कर देंगे तुम्हे अपनी चाहत की कैद से
मगर वो शख्स तो लाओ जो हमसे ज्यादा कदर करे तुम्हारी

तुझसे मोहबत के लिए तेरी मौजूदगी की जरूरत नही,
ज़र्रे ज़र्रे में तेरी रूह का अहसास होता है...Er kasz