वो जिसकी आँखों में इनकार के सिवा कुछ भी नहीं है
ना जाने क्यूँ उसकी आँखों पर ज़िन्दगी लुटाने को जी चाहता है

जाते जाते उसने पलटकर मुझसे कुछ यूँ कहा हमे भुला देना
हम तुमसे प्यार करने नहीं प्यार सीखने आये थे किसी और के लिए

तेरे बिना मैं ये दुनिया छोड तो दूं पर उस माँ दिल कैसे दुखा दुं
जो रोज दरवाजे पर खडी कहती है “बेटा घर जल्दी आ जाना “

छुप छुप कर तेरी सारी तस्वीरें देखता हूँ
बेशक तू ख़ूबसूरत आज भी है
पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं जो मैं लाया करता था

‪#‎वो‬ तो ‪अपनी‬ एक ‪#‎आदत‬ को ‪#‎भी‬ ना ‪#‎बदल‬ सका,
....
.....
.........‪#‎जाने‬ क्यूँ मैंने ‪#‎उसके‬ लिए अपनी ‪#‎जिंदगी‬ बदल ‪#‎डाली‬ ! Er kasz

जो इंसान आपसे ज़्यादा प्यार,करेगा वो आपसे रोज़ लड़ेगा
लेकिन जब आपका एक आंसू गिरेगा तो उसे रोकने के लिए वो पूरी,दुनिया से लड़ेगा

दिल के जख्मो को उनसे छुपाना पड़ा आखे तर है मगर मुस्कुराना पड़ा
कैसे चले है मोहब्बत के सिलसिले रूठना चाहते थे हम मनाना उन्हें पड़ा

कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको बिन मतलब जो आए तो क्या बात है
कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है

पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…

एक बार एक पजामा पहने हुए इंडियन से
एक अंग्रेज ने पूछा
आप का यह देशी पैंट (पजामा) कितने दिन चल जाता है
इंडियन ने जवाब दिया: कुछ ख़ास नहीं मैं इसे एक साल पहनता हूं।
उसके बाद श्रीमति जी इसको काटकर राजू के साइज़ का बना देती है।
फिर राजू इसे एक साल पहनता है
उसके बाद श्रीमति जी इसको काट- छांट कर तकियों के कवर बना लेती हैं
फिर एक साल बाद उन कवर का झाड़ू पोछे में इस्तेमाल करते हैं
अंग्रेज बोला: फिर फेंक देते होंगे
इंडियन ने फिर कहा : "नहीं-नहीं इसके बाद 6 महीने तक मै इस से अपने जूते साफ़
करता हूं
और अगले 6 महीने तक बाइक का साइलेंसर चमकाता हूं
बाद में उसे हाथ से बनाई जाने वाली गेंद में काम लेते हैं
और अंत में कोयले की सिगडी (चूल्हा) सुलगाने के काम में लेते हैं
और सिगड़ी (चूल्हे)की राख बर्तन मांजने के काम में लेते हैं
इतना सुनने के बाद अंग्रेज बेहोश होकर गिर गया
और उसे होश आने पर एहसास हुआ कि आखिर अंग्रेज भारत छोड़कर जाने पर क्यों मजबूर हुए
जय हिन्द जय भारत