वो काग़ज़ आज भी फूलों की तरह महकता है
जिस पर उसने मज़ाक़ से लिखा था मुझे तुमसे मोहब्बत है

तारों ने कहा चांद से कि तुम बहुत खूबसूरत हो
तुम सुंदर तो हो ही, मगर मेरे दिल में बसी मूरत हो

प्यार का सपना सजाके हमें अपना बनाया तुमने
नजर मिलाते मिलाते मेरे दिल को भी चुराया तुमने

दोस्तों का क्या है वो तो यों ही बन जाते है मुफ़्त में,
आओ चलो आज सच बोलकर कुछ दुश्मन बनाये ।Er kasz

उसकी चाल ही काफी थी मेरे होश उडाने के लिए
अब तो हद हो गई है जबसे वो पाँव मे पायल पहनने लगी है

वोह बोले महोब्बत का समुंदर बहोत गहरा होता है
हमने भी कह दिया की डूबने वाले सोचा नहीं करते

क्यों लगते हो दिल में आग इस आग से डरते हैं हम
क्यों नाहक तडपते हो जब तुमसे प्यार करते हैं हम

कितने अनमोल होते हैं यह मोहब्बत के रिश्ते भी
ताल्लुक टूट भी जाये पर चाहत कभी कम नहीं होती !!!

ये इशक करना छोड दिया यारो वरना
हम तो आज भी पलट के देख ले तो लडकियाँ सोमवार के व्रत शुरू कर दे

उसके सामने सिगरेट जलाई तो उसने मासूम सवाल पूछ लिया
क्या इसकी तलब मेरे होंठों से जयादा हैं

हमने सोचा था की बताएँगे उनको सब दुःख दर्द अपना.
उसने तो इतना भी नहीं पूछा के "उदास" क्यों हो.

वाकिफ नही वो इस दीवाने की मोहब्बत से
हम रुख हवाओ का मोड देते है उसकी जुल्फो के हिलने से पहले

रफ़्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए
रूठों को मनाना बाकी है रोतों को हँसाना बाकी है

मुस्कुराने के अब बहाने नहीं ढूँढने पड़ते
तेरा नाम लेती हूँ ये तमन्ना भी पूरी हो
जाती हैं

तेरे मेरे प्यार का सपना दिल में सजाए बैठा हूं
हां कर या ना कर मैं तो अपना दिल तुझे दे बैठा हूं