इन कागजो पर लिखे अल्फाज भी ढेर हो जाएँ
जो मै एक गजल अपने लबों से तेरे गाल पर लिख दूँ

दुपट्टे में पिन लगा लो कहीं ये सरक न जाए
आई जवानी है तो प्यार कर लो कहीं ये चली न जाए

मौत से कहना हम से नाराजगी ख़तम कर ले
वो लोग ही बदल गये है जीन के लीये हम जीया करते थे

दिल से ज़्यादा महफूज़ जगह नहीं दुनिया में
पर सबसे ज़्यादा लापता लोग यहीं से होते हैं

दिल से ज़्यादा महफूज़ जगह नहीं दुनिया में
पर सबसे ज़्यादा लापता लोग यहीं से होते हैं

कैसे कह दूँ तुमसे हमें मोहब्बत नहीं
मुंह से निकला झूठ एक दिन आँखों से पकड़ा जायेगा

किताब में दबी जब तेरी उल्टी तस्वीर नज़र आती है
तेरा वो पलटकर देखना बहुत याद आता है

हासिल करके तो हर कोई मोहब्बत कर सकता है,
बिना हासिल किए किसीको चाहना कोई हमसे पूछे

गये थे उसके पास प्यार का इजहार करने दोस्तो
नजरो के सामने जो आये वो दिल खामोश हो गया

म्हारी तु के रीस करेगी बावली...
म्हारा तो काटड़ा भी जाट मेहर सिंह जी की रागणी सुण्या

युं खामखा न कर रंगो को मुजपे बर्बाद दोस्त
हम तो कई सालों पहले से रंगे गये है ईश्क मै

मत करवाना इश्क ए दस्तूर हर किसी को ए ख़ुदा.
हर किसी में जीते जी मरने की ताक़त नहीं होती...

बेशक तेरे हजारो दीवाने थे पर जब बात महोब्बत की आई
दुनीया वालो ने अकसर मुजे याद कीया

एक वो हैं जो हमारी बात समझते नहीं
और यहाँ जमाना हमारे शेर पढ़कर दीवाना हुआ जा रहा है

तू मुझमे कहाँ रहती हैं मैं नहीं जानता
मैं खुद में जहाँ भी जाता हूँ तू ही तू मिलती हैं