हम तो तेरी बेजान चीजों से भी बिछड कर रो दिया
करते थे
कभी सोचना तुम में तो हमारी जान बसती थी !!
हम तो तेरी बेजान चीजों से भी बिछड कर रो दिया
करते थे
कभी सोचना तुम में तो हमारी जान बसती थी !!
तुम्हें सोचते बहुत हैं,मग़र लिखते कम हैं
कि मेरे अल्फ़ाज़ तुम्हारी तारीफ़ के क़ाबिल कहाँ
लड़की उसको प्यार करती हैं, जो उसको छोड़ देता है.
और उसको छोड़ देती हैं जो उनको प्यार करता हैं.
नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि सो जाओ कल बात करेंगे
अब वो ही हमें समझाए कि कल तक हम क्या करेंगे
चूमे तेरी तस्वीर को भी अक्सर इतना आहिस्ता से
कि लग ना जाए उस पे कहीं नापाक मेरे होठो के निशान
बस इतना बता दो कैसे साबित करू के तुम याद आते हो
शायरी तुम्हे समझ नहीं आती और अदाए मुझे आती नही
सच कहते हैं कसम से हम तुम्हीं पर मरते हैं
यकीं नहीं तो अपने दिल से पुछो जिसे प्यार हम करते हैं
आहिस्ता चल जिंदगी अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है
कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है
कुछ दर्द मुझे तू सहने दे, अंदर से जिंदा रहने दे,
आँखें बंजर हो जाएंगी, कुछ अश्क मेरे तू बहने दे..Er kasz
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो
मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो जो लिखकर बयाँ करता हूँ
तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है
वरना हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते ह
गम इस बात की नहीं कि वो मुकदमा मैं हार गया मलाल तो बस इतना था
कि मेरा गवाह मेरे खिलाफ बयान दे गया
आओ ले चले इश्क को वहा तक जहा फिर कोई कहानी बने
जहा फिर कोई गालिब नज्म पढे फिर कोई मीरा दिवानी बने
तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है
वरना हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है
बस एक बार आ के अपना चेहरा तो दिखा जा
कि अब तो तेरी तस्वीर भी धुंधली पड गई है हमारे बार-बार चुमने से