यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना
किसी की दुखती रग छू लूँ तो यारों माफ़ करना
Er kasz
यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना
किसी की दुखती रग छू लूँ तो यारों माफ़ करना
Er kasz
तेरी आँखो की नज़र से जो भी एक बार टकराया होगा
मुझे नही लगता वो अब तक घर पहुँच पाया होगा
वो जिसकी आँखों में इनकार के सिवा कुछ भी नहीं है
ना जाने क्यूँ उसकी आँखों पर ज़िन्दगी लुटाने को जी चाहता है
संगमरमर की तारीफ ना कर मुझसे तु कहे तो आँसुआं से मुहब्बत लिख दुं
चूमने के लिये झुक जाएगा ताजमहल भी जिस जमीं पर तेरा नाम लिख दू
Pyar ka asar to dekh
log milte mujhse hai aur puchte tere bare me hai
Ajnabee hotey hi aise hai
pta hi nhi chalta kb Dil chura le jatey hai
Shukar hai uska jo apni yaden chor gae
jinda lash ko jine ka bhana de gae
Yakin mano aaj is qdder yaad aa rhye ho
jis qdder bhula diya tha hmnye tujhe
Mere hi hatho main likhi h taqder meri
or meri hi taqder per mera bs nai chala
Er kasz
इतनी अजीब शख्सियत है मेरी
मेरे आते ही महफ़िल जम जाती है
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है
पर जिक्र करने का हक नहीं रहा
er kasz
जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है
मेरी कलम भी अच्छा लिखने लगी है
मासुमियत तो देखीये महबुब कि मेरे
शरमा रहा है अपनी ही तस्वीर देखकर
हो सके तो अब कोई सौदा न करना
मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ
er kasz
वजह बताऊं तो सारी उम्र गुजर जायेगी
कहा न अच्छी लगती हो तो बस लगती हो