👦‎मैं‬ ‪#‎लब‬ हूँ मेरी‬ बात ‪#‎तुम‬ हो ,
मैं ‪#‎तब‬ हूँ , ‪#‎जब‬ मेरे ‪#‎साथ‬ तुम हो .. Er kasz

कोई मुझे भी पत्थर सा दिल ला दो यारों
आखिर मुझे भी इंसानो की बस्ती में ही जीना है

कैसे लड़ूंगा मुकदमा खुद से तेरी जुदाई का
ये दिल भी वकील तेरा ये जान भी गवाह तेरी

माना कि बहुत कीमती है वक्त तुम्हारा मगर
हम भी नायाब हैं ये तुम्ही ने कहा था कभी.

माना की तु कीसी रानी से कम नही
पर इस बात मे कोई दम नही जब तक तेरे बादशाह हम नही
Er kasz

यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना
किसी की दुखती रग छू लूँ तो यारों माफ़ करना
Er kasz

आज किसी ने ये बात कहके दिल तोड़ दिया
की लोग तेरे नहीं तेरी शायरी के दीवाने है
er kasz

यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने.
कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं
Er kasz

टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया

अगर कुछ सीखना है तो आँखो को पढना सीख लो
वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो हजारों निकलते हैं

कुछ भी नहीं मिलता खैरात में यहाँ
भीख भी देता हैं इंसान तो कम करने को अपने गुनाह ॥

सिर्फ पैसों में रहने वाले लोग बड़े सस्ते होते हैं
कब बिक जाते है पता भी नहीं चलता

जी भर कर जुल्म कर लो......
क्या पता मेरे जैसा कोई बेजुबान तुम्हें फिर मिले ना मिल*::*""!! Er kasz

पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों,
ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही ..!
er kasz

मालुम था कुछ नही होगा हासिल लेकिन
वो इश्क ही क्या जिसमें खुद को ना गवायाँ जाए
er kasz