ज़रा देख ये दरवाज़े पे दस्तक किसने दी है
अगर ईश्क़ हो तो कहना यहा दिल नही रहता
Er kasz

कहना ही पड़ा उसे शायरी पढ़ कर हमारी
कि कंबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी होती है
Er kasz

अकसर वही रिश्ता लाजवाब होता है
जो ज़माने से नहीं ज़ज़्बातों से जन्मा होता है
er kasz

अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलिया उठाते
जिनकी हमें छूने कीऔकात नहीं होती
Er kasz

उसकी याद में दिल चीख-चीख कर रोता हैं
और दुनियाँ कहती हैं इश्क बेजुबान होता हैं
Er kasz

कितने अजब रंग समेटे है बारिश ने खुद में
अमीर पकोड़े खाने को सोच रहा और किसान जहर
er kasz

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा

उन्होंने वक़्त समझकर गुज़ार दिया हमको और हम
उनको ज़िन्दगी समझकर आज भी जी रहे हैं

उसने थामा था मेरा हाथ उस पार जाने के लिये
मेरी एक ही तमन्ना थी कि कभी किनारा न आए
er kasz

भुला दूंगा तुझे ज़रा सब्र तो कर
तेरी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा ही। Er kasz

बहुत है मेरे मरने पर रोने वाले
मगर तलाश उसकी है जो मेरे रोने पर मरने की बात कर दे
er kasz

मिला क्या हमें सारी उम्र मोहब्बत करके,..
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बस एक शायरी का हुनर, एक रातों का जागना.. Er kasz

क्या जरूरत है मुझे परफ्यूम लगाने की,
तेरा ख्याल ही काफी है मुझे महकाने के लिए।💞💞 Er kasz

लाख समझाया उसको कि दुनिया शक करती है
मगर उसकी आदत नहीं गई मुस्कुरा कर गुजरने की
Er kasz

इक आग का दरिया हैं मोजों की रवानी हैं
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी हैं
er kasz