देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है
बस इतनी सी बात आदमी को इन्सान बनाती है
देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है
बस इतनी सी बात आदमी को इन्सान बनाती है
में यह नहीं कहता के मेरी खबर पुछो तुम
खुद किस हाल में हो इतना तो बता दिया करो
मार दो जान से बेशक पर ऐसी सजा ना दो
कि बैठो तुम हमारे सामने किसी अजनबी की तरह
सुना है कि मौत से पहले एक और मौत होती है
और उसे प्यार से लोग मोहब्बत कहते हैं
बहुत कुछ कहना है पर कहूँ भी तो किसे कहूँ
ख़ुद से ही इतना ख़फ़ा ख़फ़ा रहता हूँ आजकल
इस गुलाब की पंखुडियो का, यही सलोना गीत
धुप रूप की ढल जाने पर कौन है किस का मित
ठान लिया था कि अब और नहीं लिखेंगे
पर उन्हें देखा और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे
er kasz
नजर से दूर रह कर भी किसी की सोच में रहना
किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो
बिछड़ के तुमसे मैं ज़िन्दा रहूँ
मुमकिन नही ये ज़माना लाख कहे ऐतबार मत करना
मिल जाएँगे हमारी भी तारीफ़ करने वाले
कोई हमारी मौत की अफ़वाह तो फैलाओ यारो
ना जाने क्यों मुझे लोग मतलबी कहते है
एक तेरे सिवा दुनियां से मतलब नहीं मुझे
तुझको खबर नहीं मगर एक बात सुन ले..!!
बर्बाद कर दिया तेरे दौ दिन के प्यार ने !! 😌😌 Er kasz
बहुत दर्द देती है ये खामोशी तेरी
मोहब्बत नहीं होती तो चल थोड़ा झगड़ लेते है
चलते रहेंगे क़ाफ़िले मेरे बग़ैर भी यहाँ
एक तारा टूट जाने से फ़लक़ सूना नहीं होता
रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की
ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी