बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के
जिसने खामोशियों का सहारा लेके दूरियों को अंजाम दिया
बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के
जिसने खामोशियों का सहारा लेके दूरियों को अंजाम दिया
सजा ना दो मुझे बेकसूर हूँ मैं थाम लो मुझ को ग़मों से चूर हूँ मैं
तेरी दूरी ने कर दिया पागल सा मुझे और लोगों का कहना है के मगरूर हूँ मैं...
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम.
प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे..
जब तुम ही नहीं हो तो ज़माने से मुझे क्या
ठहरे हुए जज़्बात में जाँ है भी नहीं भी
पाल ले इक रोग नादाँ ज़िंदगी के वास्ते
सिर्फ़ सेहत के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं
मैं तुझे चांद कह दूं ये मुमकिन तो है मगर
लोग तुझे रात भर देखें ये गवारा नहीं मुझे
हाथो मे हाथ लिये बैठे हो और मांगते हो जाने की इजाजत
तुम भी ना
लोग कहते है की मोहब्बत एक बार होती है
लेकिन मैं जब जब उसे देखू मुझे हर बार होती है
जब नजर से नजर मिली तब नजर ने नजर कहा
ए नजर इस नजर को इस नजर से न दखे कि कही नजरो को नजर न लग जाए
ज़िन्दगी में अगर कोई अच्छा लगे तो ,
उसे सिर्फ चाहना, प्यार मत करना..
क्योकि प्यार ख़त्म हो जाता है
लेकिन चाहत कभी ख़त्म नहीं होती....
Aaj Jism me Jaan hai to Dekhtey nahi hai Log
Jab Rooh Nikal jayegi To Kafan Hata Hata kar Dekhenge Log
हवाएं बदल गई हैं इस कदर जमाने की
दुआएं माँग रहा हूँ होश में न आने की
er kasz
क्या किया है जादू टोना क्या खिलाया है
एक तेरी याद में हमने जहां को भुलाया है
मेरी हस्ती मिटाने की तेरी क्या औकात है
कोशिशें फिर भी करता है तेरे हौसलें को दाद है
कजरा गजरा महक रहा है, आलिंगन को तरस रहे है
आज प्रिय के अंग से लगने तन और मन सब तरस रहे है