कोई तुम्हारा साथ ना दे तो ग़म ना करना,
क्यूंकि
खुद से बड़ा हमसफ़र इस दुनिया में और कोई नहीं होता

ये दिल ही तो जानता है मेरी पाक मोहब्बत का आलम....
के मुझे जीने के लिए सांसो की नहीं तेरी ज़रूरत है...

ये मोहब्बत के हादसे अक्सर दिलों को तोड़ देते हैं
तुम मंज़िल की बात करते हो लोग राहों में छोड़ देते हैं

तन्हाई की रात गुज़र ही जाएगी इतने भी हम मजबूर नहीं.
दोहरा कर तेरी बातों को कभी हंस लेंगे कभी रो लेंगे.

Kya jrurt thi tumko dur Jane ki
Paas rahkr v to mjhko tadpa sakti thi

Is shahar me hum badnaam sahi
Bas yahi hoga ki gumnaam na jayenge yahan se

Suna Hai Unhe Ab Mera Chehra Bhi Yaad Nahi,
Hum To Unki Yaadon Ki God Me, Aaj Bhi Sir Rakh Ke Sote Hai ..!

रब रूठा है मुझसे !
तुझे माँगूं भी तो किस से ?

वक़्त बहुत कुछ छीन लेता है खैर
मेरी तो सिर्फ मुस्कराहट थी

कैसे भुला दूँ उसको मैं..
मौत इंसानों को आती है यादो को नहीं...

सेल्फी तो मिनटों में बनती है
वक्त तो image बनाने में लगता है
Er kasz

मेरा रब भी रूठा है मुझसे शायद
मैं तुझे मांगू भी तो किससे
Er kasz

अब शिकवा क्या करना उनकी बेरुखी का...
अब दिल ही तो था भर गया होगा.

अरे कितना झुठ बोलते हो तुम
खुश हो और कह रहे हो मोहब्बत भी की है

रंग तेरी यादो का ना उतरा अब तक
लाख बार खुद को आँसुओ से धोया हमने