जीवन ताश के खेल के समान है आप को जो पत्‍ते मिलते हैं
वह नियति है आप कैसे खेलते हैं वह आपकी स्‍वेच्‍छा है।

वो मुझसे दूर रहकर अगर खुश है तो खूश रहने दो उसे
मुझे वैसे भी उसकी चाहत से ज़्यादा मुस्कुराहटपसंद है
er kasz

कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों
ज़िन्दगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने

ིइतना तो दर्द मुझे जिन्दगी तूने दिया ही नहीं था
जितना बदनाम मैने तूझे वाह वाहीया बटोरने के लिए कर दिया
er kasz

उसका वादा भी अजीब था कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे
मैंने भी ये नहीं पुछा की मोहब्बत के साथ या यादों के साथ
Er kasz

बहुत रोये वो हमारे पास आ के जब एहसास हुआ उन्हें अपनी ग़लती का !
चुप तो करा देते हम, अगर चेहरे पे हमारे कफ़न ना होता

तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है ये उठे सुबह चले
ये झूके शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन ही पलकों के तले
er kasz

जो इंसान आपसे ज़्यादा प्यार,करेगा वो आपसे रोज़ लड़ेगा
लेकिन जब आपका एक आंसू गिरेगा तो उसे रोकने के लिए वो पूरी,दुनिया से लड़ेगा

हथेली पर रखकर नसीब अपना
क्यूँ हर शख्स मुकद्दर ढूँढ़ता है
अजीब फ़ितरत है उस समुन्दर की
जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढ़ता है

हकीकत ए मोहाब्बत का पता है फिर भी इसको
आजमाने निकल पडे !!
ये तुम्हे कहीं का नही छोडेगी फिर भी दुबारा इस
राह पर बर्बाद होने निकल पडे !!