इतना भी प्यार किस काम का.
भूलना भी चाहो तो नफरत की हद्द तक जाना पड़े.
इतना भी प्यार किस काम का.
भूलना भी चाहो तो नफरत की हद्द तक जाना पड़े.
आँसु बड़े बेवफा होते है
उसे तो आँखो से दूर होने का बहाना चाहिए
Er kasz
हर बुराई का ईल्ज़ाम मुझ पर आ गया
कितना बुरा था मेरा अच्छा होना
er kasz
काश मोहब्बत मे भीचुनाव होते
गजब के भाषण देते तुझे पाने के लिये
Er kasz
मुहाब्बत तो सच्ची गमों ने की है हमसे
उम्रभर इक पल अकेला नहीं छोड़ा
जो समझ लेते है तन्हाई को माशूक़
वो ना कही आया करते और ना कही जाया करते
एक तेरा ही नशा हमें मात दे गया वरना
मयखाना भी हमारे हाथ जोड़ा करता था
इंसान जल्दी सो जाना चाहता है
मगर हालात उसे जागने पर मजबूर करते है
er kasz
चल पड़ा हूँ मै भी ज़माने के असूलों पर.
मै अब अपनी ही बातो से मुकर जाता हूँ..
चल पड़ा हूँ मै भी ज़माने के असूलों पर.
मै अब अपनी ही बातो से मुकर जाता हूँ..
जिस घाव से खून नहीं निकलता
समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है
Er kasz
बदला लेने में क्या मजा है
मजा तो तब है जब तुम सामने वाले को बदल डालो
Er kasz
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन हे
पर टूट के चाहना सिर्फ एक बार होता हे
मेरी ना रात कटती है ना ज़िन्दगी
वो पगली मेरे वक़्त को इतना धीमा करगयी
चाहे तो दिल की किताब खोल भी देते हम,
मगर उस पढने वाले को फुरसत ही नही थी...!