सब कुछ मिल जाता है इस दुनिया मैं फ़क़त...
वह शख्स नहीं मिलता जिस से मोहब्बत हो...

अहसास बदल जाते है बस और कुछ नहीं
वरना मोहब्बत और नफ़रत एक ही दिल से होती है
Er kasz

क्या हुआ अगर जिंदगी में अकेला हूँ
जिस दिन मर गया मेला लग जायेगा मेरी कब्र पे

सच ही कहा था किसी ने तनहा जीना सीख
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो तनहा छोड़ जाती है

ना दो किसी को अपनी जिन्दगी का इतना हक
कि कुछ ना रहे बाकी उसके रूठह जाने के बाद

राज़ खोल देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर
कितनी खामोश मोहब्बत की ज़ुबान होती है. !!

मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो
दिल बेचैन है बहुत,कहीं तुम उदास तो नहीं...

कभी तो ‪आप हद‬ से आगे बढ़ा करो
कभी तो ‎आप खुद‬ को ‪हमारी शायरी‬ में पढा करो
Er kasz

तू जो भूल गयी मुझको क़सूर तेरा नहीं है,
जब तक़दीर ही बुरी हो तो कोई अपना नहीं बनता!!

खुल जाता है उनकी यादो का बाजार हर शाम
फिर अपनी रात उसी रौनक मेँ गुजर जाती है
er kasz

👦‎मैं‬ ‪#‎लब‬ हूँ मेरी‬ बात ‪#‎तुम‬ हो ,
मैं ‪#‎तब‬ हूँ , ‪#‎जब‬ मेरे ‪#‎साथ‬ तुम हो .. Er kasz

आस पास तेरा एहसास अब भी लिये बैठें हैं
तू ही नज़र अंदाज़ करे तो हम शिकवा किससे करे

लोग कहते हे उसे आदत हे मुस्कुराने की
कोई किया जाने ये भी एक अदा हे गम छुपाने की।

नहीं शिकवा मुझे कुछ तेरी बेवफाई का....
गिला तो तब हो अगर तूने किसी से भी निभायी हो..!!!

नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर.....
कसूर तो उस चेहरे का हैं जो सोने नहीं देता....