अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती
Er kasz

अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला दिल का…
सुकून ढूंढने निकले थे, नींदे भी गँवा बैठे…!!!

किस तरह खत्म करें उन से रिश्ता
जिन्हें सिर्फ सोचते हैं तो पूरी कायनात भूल जाते हैं

मत करवाना इश्क ए दस्तूर हर किसी को ए ख़ुदा.
हर किसी में जीते जी मरने की ताक़त नहीं होती...

मेरी ज़िंदगी से खेलना तो हर एक की आदत बन गयी
काश खिलौना बन कर बिकते तो किसी एक के होते....

अजीब दास्ताँ है लोगों की रोज रंग बदल कर जीते हैं
और आज कहते हैं मुझे रंग से एलर्जी है

बड़ी शिद्द्त से राजी हुए है वो साथ चलने को ...
खुदा करे के मुझे सारी जिंदगी मंजिल न मिले....

भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाजत है तुम्हे
ना भूल पाओ तो लोट आना इक भूल की इजाजत है तुम्हे

सकुन ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पुछ ही लिया करो
मालुम तो हमे भी है कि हम आपके कुछ नही लगते .....

दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है
दोस्त ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है
er kasz

मुझे इस जहाँ में आये तो काफी वक़्त हो गया,
बस लोगो को नज़र आता हूँ उनकी जरुरत के हिसाब से...

जहर के असरदार होने से कुछ नही होता दोस्त।
खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये।।

तेरी आँखों से यून तो सागर भी पिए हैं मैने
तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए हैं मैने

मोहब्बत करने वाले ना तो जीते है ना ही मरते है
फूलो की चाह में वो काँटों पर से गुजरते है

इस मोहब्बत में दर्द के सिवा कुछ भी नहीं.....
और इस दर्द की दवा तेरी नज़र के सिवा कुछ भी नहीं .