मुस्कुराने वाले को खुशनसीब मत समझो.
क्यूंकि कुछ लोग मुस्कुराते हैं गम छुपाने के लिए.

सोचता हूँ कभी तेरे दिल में उतर के देख लूं
कौन है तेरे दिल में जो मुझे बसने नहीं देता
er kasz

अब तुझसे शिकायत करना,मेरे हक मे नहीं,
क्युकी तू आरजू मेरी थी,पर अमानत शायद किसी और की ।।

हम तो बिछड़े थे तुम को अपना एहसास दिलाने के लिए
मगर तुमने तो हमारे बिना जीना ही सिख लिया...

क्यों न सज़ा मिलती हमें मोहब्बत में आख़िर
हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस शख्स की ख़ातिर.....

अजीब मजाक करती हैं यह नौकरी काम मजदूरों वाले कराती हैं
और लोग साहब कहकर बुलाते हैं
Er kasz

कल घर से निकले थे, माँ के हाथो के बने पराठे खा कर...
आज सड़क किनारे चाय तलाश रही है जिंदगी...!! Er kasz

ए इश्क़ तुझसे दिल की बात कहूँ तो बुरा तो नही मानोगे..
बहुत चैन के दिन थे तेरी पहचान से पहले..

अभी कुछ और करना है इरादे रोज करता हूँ
इसी ख्वाहिश में जीता हूँ इसी ख्वाहिश में मरता हूँ

ये समन्दर भी तेरी तरह खुद्गर्ज निकला
जिन्दा था तो तैरने ना दिया मर गया तो डूबने ना दिया

बाज़ार के रंगों से रंगने की मुझे जरुरत नही
किसी की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है…!

अच्छा नही लगता ये मनहूस अलार्म को सुनकर उठना
काश कोई जुल्फो से पानी झटक कर हमे भी जगाता...

मैंने गले में सारे ताबीज डाल के देखे हैं पर..
जो तेरी यादों को रोक सके वो धागा मिला ही नहीं..

मोहब्बत मत करो अमीरो से अमीर बर्बाद करते है
मोहब्बत करो गरीबो से जो दिल से प्यार करते है

मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो तुम अरे ओ पागल
मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद करना हो