मुमकिन है कि तेरे बाद भी आती होंगी बहारें
गुलशन में तेरे बाद कभी जा कर नहीं देखा

देखकर तुमको अकसर हमें एहसास होता है.
कभी कभी ग़म देने वाला भी कितना ख़ास होता है

मत पूछ कैसे गुजरे दिन, कैसी बीती रातें
बहुत तनहा जिये हैं हम तुझसे बिछड़ने के बाद..

बहुत है मेरे मरने पर रोने वाले मगर
तलाश उसकी है जो मेरे रोने पर मरने की बात कह दे।

कोशिश आखरी सांस तक करनी चाहिये
मंजिल मिले या तजुर्बा चीज़े दोनों ही नायाब है
Er kasz

जी भर कर जुल्म कर लो......
क्या पता मेरे जैसा कोई बेजुबान तुम्हें फिर मिले ना मिल*::*""!! Er kasz

अपने हर एक लफ्ज़ का खुद आइना हो जाऊँगा
किसी को छोटा कहकर मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा
Er kasz

दुनिया की उलजनों ने छीन ली है शरारतें मेरी और
लोग समझते हैं कि सुधर सा गया हूँ मैं

उसकी याद में दिल चीख-चीख कर रोता हैं
और दुनियाँ कहती हैं इश्क बेजुबान होता हैं
Er kasz

वह मिल जाए मुझे तो यूँ समझूंगा ग़ालिब
जैसे जन्नत का ऐलान हुआ हो किसी गुनहगार के लिए

खो जाते है कुछ लोग जिन्दगी में इस तरह भी कि
लाख माँगों दुआओ में.. पर हासिल नहीं होते...

तेरी तवज्जुह शायद मेरे नसीब में ही ना थी
छोड़ दिया तुझे याद करना खुद को बेवफा समझ कर

मेरे नाम पे उसकी आँखों में आँसू
उफ्फ़ ना कर मज़ाक दोस्त इस बात पे जान भी जा सकती हैं

आज भी कितना नादान है दिल समझता ही नहीं
बरसो बाद भी उन्हें देखा तो दुआयें मांग बैठा !!

जितनी शिद्दत से मुझे ज़ख़्म दिए हैं उस ने
उतनी शिद्दत से तो मैंने उसे चाहा भी नहीं था..