टूट सा गया है मेरी चाहतो का वजूद
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नही करते
Er kasz
टूट सा गया है मेरी चाहतो का वजूद
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नही करते
Er kasz
ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है
Er kasz
मुझे ढूंढने की कोशिश न किया कर पगली
तूने रास्ता बदला मैंने मंज़िल ही बदल दी
सुन कर ग़ज़ल मेरी वो अंदाज़ बदल कर बोले
कोई छीनो कलम इससे ये तो जान ले रहा है
er kasz
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी...
मुनासिब होगा कि अब मेरा हिसाब कर दे...!!” Er kasz
उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
ιѕнq кα đαѕтυя нι кυ¢н αιѕα hai
Jσ ιѕкo jαη Ļєтα hai
ує ѕαĻα υѕι кι jααη Ļє Ļєтα нai
er kasz
इतना मगरूर मत बन मुझे वक्त कहते हैं
मैंने कई बादशाहो को दरबान बनाया हैं
er kasz
तुम रख ना सकोगे मेरा तौफ़ा संभालकर
वरना मैं अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर...
नजर से दूर रह कर भी किसी की सोच में रहना
किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो
अपनी जवानी में और रखा ही क्या है कुछ तस्वीरें यार
की बाकी बोतलें शराब की
Er kasz
कोई और गुनाह करवा दे मुझ से मेरे खुदा
मोहब्बत करना अब मेरे बस की बात नहीं
er kasz
तुझको खबर नहीं मगर एक बात सुन ले..!!
बर्बाद कर दिया तेरे दौ दिन के प्यार ने !! 😌😌 Er kasz
बड़ा शौक था उसे मेरा आशियाना देखने का,
जब देखी मेरी गरीबी,रास्ता बदल लिया..!
er kasz
किसके हैं हम बस तुम्हारे ही तो हैं
उन के ये अल्फाज़ झूठे तो थे मगर ग़ज़ब के थे