जी भर कर जुल्म कर लो......
क्या पता मेरे जैसा कोई बेजुबान तुम्हें फिर मिले ना मिल*::*""!! Er kasz

मैं दुआ में उसे माँगता हूँ और वो किसी और को
कभी कभी सोचता हूँ भगवान किसकी सुनेगा ?

कहना ही पड़ा उसे शायरी पढ़ कर हमारी
कि कंबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी होती है
Er kasz

काश वो भी बेचैन होकर कह दे मेँ भी तन्हा हूँ
तेरे बिन तेरी तरह तेरी कसम तेरे लिए
Er kasz

लपेट ली है मैंने तेरे अहसास की चादर
पता है मुझे आज फिर तेरी यादों की बारिश तेज़ है

मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है
आजकल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है
er kasz

खो जाओ मुझ में तो मालूम हो कि दर्द क्या है
ये वो किस्सा है जो जुबान से बयाँ नही होता

उसकी याद में दिल चीख-चीख कर रोता हैं
और दुनियाँ कहती हैं इश्क बेजुबान होता हैं
Er kasz

मेरी लिखी किताब मेरे ही हाथो मे देकर वो कहने लगी
इसे पढा करो मोहब्बत सीख जाओगे
er kasz

मेरे अल्फ़ाज़ों को इतनी शिद्दत से ना पढ़ा करो
कुछ याद रह गया तो हमें नही भूल पाओगे
er kasz

जिन्दगी की उलझनों ने कम कर दी हमारी शरारते
और लोग समझते हैं कि हम समझदार हो गये
er kasz

अब किसी और से मुहब्बत करलू तो शिकायत मत करना
ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है
er kasz

खूबसुरती से धोखा न खाइये जनाब
तलवार कितनी भी खूबसुरत कयों न हो मांगती तो खून ही है

बहुत है मेरे मरने पर रोने वाले
मगर तलाश उसकी है जो मेरे रोने पर मरने की बात कर दे
er kasz

तेरी तवज्जुह शायद मेरे नसीब में ही ना थी
छोड़ दिया तुझे याद करना खुद को बेवफा समझ कर