तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं मांगी थी
क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं मांगी थी
तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं मांगी थी
क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं मांगी थी
शायरी करना भी तो एक नेकी का काम है
कितने बिछड़े हुए लफ़्जो को मिला देता हूँ
Er kasz
कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया
जब कोई अपना कहता है तुम याद आ रहे हो
er kasz
अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का
जिसका जितना दर्द बुरा शायरी उतनी ही अच्छी
आज बरसों का जख्म उभर कर सामने आया
जब उसने किसी गैर को अपना और मुझे अजनबी बताया।
👦मैं #लब हूँ मेरी बात #तुम हो ,
मैं #तब हूँ , #जब मेरे #साथ तुम हो .. Er kasz
जिन्दगी मे दो चीज़े कभी मत कीजिए
झूठे आदमी के साथ प्रेम और सच्चे आदमी के साथ गेम
नहीं शिकवा मुझे कुछ तेरी बेवफाई का....
गिला तो तब हो अगर तूने किसी से भी निभायी हो..!!!
शायर बना दिया अधूरी मोहब्बत ने
मोहब्बत अगर पूरी होती तो हम भी एक ग़ज़ल होते
Er kasz
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने.
कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं
Er kasz
मुमकिन है कि तेरे बाद भी आती होंगी बहारें
गुलशन में तेरे बाद कभी जा कर नहीं देखा
देखकर तुमको अकसर हमें एहसास होता है.
कभी कभी ग़म देने वाला भी कितना ख़ास होता है
मत पूछ कैसे गुजरे दिन, कैसी बीती रातें
बहुत तनहा जिये हैं हम तुझसे बिछड़ने के बाद..
किसी टूटे हुए मकान की तरह हो गया है ये दिल...
कोई रहता भी नही और कमबख्त बिकता भी नही...!
हमने खुशियोँ की तिजोरी उनके हवाले की थी,
लेकिन कमबख्त को मेरी हंसी ही चुरानी थी!!