मदहोश होता हूँ तो दुनियाँ को बुरा लगता हूँ
होश रहता है तो दुनियाँ मुझको बुरी लगती है

जहर के असरदार होने से कुछ नही होता दोस्त।
खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये।।

बहुत ख़ास थे कभी नजरो में किसी के हम भी,
मगर नज़रो के तकाज़े बदलने में देर कहाँ लगती है.

रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया
er kasz

फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं,
कब्रे जितनी भी सजा लो, कोई ज़िंदा नहीं होता .

सोचता हूँ कभी तेरे दिल में उतर के देख लूं
कौन है तेरे दिल में जो मुझे बसने नहीं देता
er kasz

मुकद्दर में लिखा के लाये हैं दर-ब-दर भटकना
मौसम कोई भी हो परिंदे परेशान ही रहते हैं
er kasz

हाल तो पुछ लु तेरा पर डरता हुँ आवाज़ से तेरी
जब जब सुनी है कमबख़्त मोहब्बत ही हुई है
Er kasz

सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने
हसीन जिस कि जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है

तुम्ही ने लगा दिया इल्जाम ए बेवफाई मुझ पर
मेरे पास तो वफ़ा के गवाह भी सिर्फ तुम ही तो थे

जरा बताओ तो किसे गुरुर है अपनी दौलत पर
चलो उसे बादशाहों से भरा कब्रस्तान दिखाता हु
er kasz

ज़ुल्म इतने ना कर के लोग कहे तुझे दुश्मन मेरा..
मैंने ज़माने को तुझे अपना प्यार बता रखा है.

मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग ।।
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता !!Er kasz

क्यों न सज़ा मिलती हमें मोहब्बत में आख़िर
हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस शख्स की ख़ातिर.....

मत फेर निगाँहे कम्बख़त हमें देख कर
खुद भी रो पड़ेगा हमरे प्यार की तौहीन होती देख कर
er kasz