मैंने ये सोचकर‪ उसकी‬ सारी बातो को‪ सच‬ मान लिया की
ईतनी‪ अच्छी‬ है तो‪ झुठ‬ कैसे बोलेगी

किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी
मैं मुस्करा के बोला उसके ख्यालो मे डूब कर
Er kasz

गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारो का… वरना
लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर आज भी रखता हूँ
er kasz

मैने किस्मत की लकीरों पर यकीन करना छोड़ दिया है..!!
जब इंसान बदल सकते है तो लकीरे क्यों नहीं ....!

कितने अनमोल होते हैं यह मोहब्बत के रिश्ते भी
ताल्लुक टूट भी जाये पर चाहत कभी कम नहीं होती !!!

कुछ इस तरहा से सौदा कीया मुझसे मेरे वक़्त ने
तजुर्बे देकर वो मुझसे मेरी नादानीया ले गया
er kasz

सुनो बहुत इंतजार करता हूँ तुम्हारा
सिर्फ एक कदम बढा दो बाकी के फासले मै खुद तय कर लूँगा
Er kasz

एक ख़त कमीज़ में उसके नाम का क्या रखा
क़रीब से गुज़रा हर शख़्श पूछता है कौन सा इत्र है जनाब
Er kasz

प्यार मोहब्बत आशिकी..
ये बस अल्फाज थे..
मगर.. जब तुम मिले..
तब इन अल्फाजो को मायने मिले !!
•• Er kasz

कौन कहता है के दिल सिर्फ लफ्ज़ो से दुखाया जाता है..
कभी-कभी ख़ामोशी भी तो बड़ी तकलीफ़ देती है...!!

कौन कहता है के दिल सिर्फ लफ्ज़ो से दुखाया जाता है..
कभी-कभी ख़ामोशी भी तो बड़ी तकलीफ़ देती है...!!

हमने सोचा था की बताएँगे उनको सब दुःख दर्द अपना.
उसने तो इतना भी नहीं पूछा के "उदास" क्यों हो.

वो लाख तुझे पूजती होगी तू खुश न हो ए खुदा
वो मंदिर भी जाती है तो मेरी गली से गुजरने के लिये
er kasz

बदल जाती है ज़िन्दगी की सच्चाई उस वक़्त,
जब कोई तुम्हारा तुम्हारे सामने किसी और का हो जाता है.

तुझसे मोहबत के लिए तेरी मौजूदगी की जरूरत नही,
ज़र्रे ज़र्रे में तेरी रूह का अहसास होता है...Er kasz