ढूंढने पर वही मिलेंगे जो खो गए हैं
वो कभी नहीं मिलेंगे जो बदल गए हैं

अब सफ़र ज़िंदगी का ख़तम ही हुआ समझो
उसकी बातो से जुदाई की महक आती है

दिन भर तो गुम रहा दिल तेरे ख्यालों में
रात हुई तो उलझ गया सवालों में

हसरत तो थी कि तेरी आँख का आसूँ बन जाऊं
पर तू रोये ये मुझे गँवारा नहीं

रोते रोते दिल कटता है तड़प कर रात
भूल न पाता एक घडी ही प्यारी तेरी बात

भले थे तो किसी ने हाल त़क नहीं पूछा
बुरे बनते ही हर तरफ अपने चरचे हैं

बोल था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाइयों ने मुझे गुनहगार कर दिया

है इश्क सलामत तो चला आयेगा कोई
गर तुम नहीं तुमसा हमें मिल जायेगा कोई

लिखेंगें तेरे लिऐ रोज कुछ न कुछ
इसी मेरे ख्याल ने मुझे शायर बना दिया

कहीं तो दर्द होगा कोई सीने में ज़रूर
यूँ ही हर एक तनहा शायर नहीं होता

अजीब जुल्म करती है तेरी ये यादें
सोचू तो बिखर जाऊ ना सोचू तो किधर जाऊ

भूल जाना तुम मुझे पर ये याद रखना
तेरी रूह रोयेगी जब कोई मेरा नाम लेगा

अक्श हर शख्स मे उसी का दिखाई देगा तुम्है
चाहते हो हर-पल हर-लम्हा जिसे

ये तेरी मेरी ही नहीं इस जहाँ में समझ ले
ईश्क की दास्तां हर एक अधूरी है

मैं तुझे सोचकर इतना लिख देता हूँ
और एक तु हैं कि याद भी नहीं करती मुझे