तोड़ दूंगी सारी रस्मे प्यार में
छोड़ के लोक लाज खो जाउंगी प्यार में
तोड़ दूंगी सारी रस्मे प्यार में
छोड़ के लोक लाज खो जाउंगी प्यार में
कोई हमे भी सिखा दो ये लफ्जों से खेलना
दर्द हमारे पास भी बेहिसाब है
खफा नहीं हूँ तुझसे ए जिंदगी
बस जरा दिल लगा बैठा हूँ इन उदासियों से
इस तरह ज़िंदगी ने दिया है हमारा साथ
जैसे कोई निबाह रहा हो रक़ीब से
घबरा के आसमान की तरफ देखते हैं लोग
जैसे खुदा ज़मीन पर मौजूद ही न हो
आइना है ये जिंदगी मेरे दोस्त
तू मुस्कुरा जिंदगी भी मुस्कुरा देगी
तू मिले या ना मिले ये तो और बात है
मैं कोशिश भी ना करू ये तो गलत बात है
मेरी तङप तो कुछ भी नही है
सुना है उसके दिदार के लिए आईने तरसते है
Er kasz
हर सफल आदमी के पीछे औरत खड़ी होती है
और असफल आदमी के सामने रिश्तेदार
वर्षा मेरी मजनू वर्षा प्यार का सावन
कर दे हा कर दे मेरे तन मन को पावन
भले थे तो किसी ने हाल त़क नहीं पूछा
बुरे बनते ही हर तरफ अपने चरचे हैं
तु शायद मुझे भूल गई होगी पगली
पर मेरे Phone का Lo©k आज भी तेरे N@Am से ही खुलता है
जब तक बिके न थे हम कोई हमें पूछता न था
तूने खरीद के हमें अनमोल कर दिया
लिखने को अब क्या बचा कबिरा तेरे बाद
हम तो यूँ ही कर रहे काग़ज़ को बरबाद
मत पूछ दास्तान ऐ इश्क
जो रूलाता है, उसी के गले लगकर रोने का मन करता है