सुनो दिन तो ख़राब कर ही दिया तुमने
क्या ये शाम भी अब ऐसे ही तकरार में ज़ाया करोगे

वैसे दुश्मनी तो हम चिटी से भी नहीं करते
लेकिन बीच में आया तो शेर को भी नहीं छोडते

सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है

छोड़ने वालों को छोड़ने का बहाना चाहिए

वर्ना निभाने वाले तो शमशान तक निभाते हैं

पगली तु हमारे शौख का अंदाजा कया लगाओगी
हम तो मोरारी बापु की कथा भी वुफर मे सुनते है

सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो......
निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है.......!!!

कुछ सपनों को पूरा करने निकले थे घर से,किसको पता था कि घर जाना हीएक‪#‎सपना‬बन जायेगा.........

कुछ कर गुजरने की चाह में, कहाँ कहाँ से गुजरे
अकेले ही नज़र आये हम, जहां जहां से गुजरे…

मैं झुक गया तो वो सज़दा समझ बैठे
मैं तो इन्सानियत निभा रहा था वो खुद को ख़ुदा समझ बैठे

हमे तो अपनो ने लूटा,
गैरो मे कहा दम था,
मेरे बाफले वही जले,
जहा राखोडा कम था..,😝😝😝😜✋😃

दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं
बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं

हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी
पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता है

जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह
ए खुदा फिर क्योँ सिर्फ मेरा ही दिल तड़पता है उसके लिए

हुकुमत वो ही करता है जिसका दिलो पर राज हो
वरना यूँ तो गली के मुर्गो के सर पे भी ताज होता है

मेरी काबिलियत को तुम क्या परखोगे ए गालिब
इतनी छोटी सी उमर मेँ ही लाखो दुश्मन बना रखे हैं