खौफ और खून हमेशा आँखों में रखो
क्यूंकि हथियारों से सिर्फ दुश्मनों की हड्डिया टूटती है होसले नही
खौफ और खून हमेशा आँखों में रखो
क्यूंकि हथियारों से सिर्फ दुश्मनों की हड्डिया टूटती है होसले नही
ये अपना दिल भी बडा बदमाश है
लाख ससमजाया की वो तेरी नही है फिर भी साला उसकी के लिए धडकता है
मुसीबतो से उभरती है शख्सियत यारो,
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का..
गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख
जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की क्या औकात है।
वैसे तो हम जानी मानी हस्ती नही हैं ना ही बङे आदमी हैं
लेकिन जब भी रास्ते से गुजरते है तो दुश्मन के मुँह से भी निकल जाता है
वाह क्या तेवर है
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता
बात करना न सही देखना तो नसीब होता
दुनिया बड़ी ही भूलकड़ है
वह तो उतना ही याद रखती है जितने से उसका मतलब हो
मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि
मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का
प्यासी आँखें तड़पता दिल जाते जाते साथ अपने इश्क़ का मंज़र तो ले जा
मेरे क़तल का शक़ जाएगा तुम पर मेरे पहलु से अपना खंज़र तो ले जा
पानी मर्यादा तोड़े तो विनाश और वाणी मर्यादा तोड़े तो सर्वनाश
इसलिए हमेशा अपनी वाणी पर संयम रखो
सदा उनके कर्जदार रहिये जो आपके लिए कभी खुद का वक्त नहीं देखता है
और
सदा उनसे वफ़ादार रहिये जो व्यस्त होने के बावजूद भी आपके लिए वक़्त निकालता है।
मेरे पापा कहते हैं कि बेटा तू कोई सरकारी नोकरी करने की तयारी कर
लेकिन में पापा को केसे कहु की में तो खुद सरकार बनाना चाहता हूँ
अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं
जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मारने से नहीं चुकती
इसलिए होंशियार रहें बहुत मीठा बोलने वाले भी हनी नहीं हानि दे सकते है
लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नाम से कि
जिसने तुम्हे देखा भी नही उसने भी तेरी तारीफ कर दी